कविता
चिड़िया जब बोलती है
- राकेश रोहित
एक चिड़िया जब बोलती
है
एक चिड़िया जब...
बस
इसके बाद सारे शब्द बेमानी हो
जाते हैं!
हजार शब्दों में उतारी नहीं जाती
उसकी एक आवाज
एक चिड़िया जब बोलती है
कविताएँ उसको खामोश सुनती हैं!!
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चिड़िया जब बोलती है / राकेश रोहित |
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