संतुलन
- राकेश रोहित
लड़की के पांव में जन्म से कुछ लंगड़ापन था. डॉक्टर ने कहा - ठीक हो सकता है, पर खर्च काफी होगा. पिता ने कुछ सोचा, घर के अर्थ-संतुलन के बारे में और धूम-धाम से उसकी शादी कर दी. शादी तो करनी ही थी. अब लड़के वाले पांव का इलाज खुद करवा लेंगे.
एक दिन लड़की चूल्हे के पास अपना संतुलन संभाल न सकने के कारण गिर पड़ी और.... ooo
बहुत कुछ इशारे करती....कटाक्ष करती....अच्छी लघुकथा!!!!!!
ReplyDeleteI enjoyed reading your poost
ReplyDeleteThanks for postting this
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