लघुकथा
आँसू
- राकेश रोहित
वह शायर नहीं था, पर उसकी झील- सी आँखों में डूब गया. ... और उसकी झील- सी आँखें समंदर बन गईं, जिनसे हर वक्त नमक रिसता रहा. ooo
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